रिश्तों के जरिए सुधारें ग्रहों की एनर्जी को, रिश्ते तो बनेगें ही साथ ही बनेंगे बिगड़े काम

 रिश्तों के जरिए सुधारें ग्रहों की एनर्जी को, रिश्ते तो बनेगें ही साथ ही बनेंगे बिगड़े काम

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आमतौर पर ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव से हमें सफलता और असफलता मिलती है। हम सफल होने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। कभी स्टोन पहनकर ग्रह की एनर्जी को बैलेंस करते तो कभी पूजा पाठ के जरिए ग्रहों को ठीक करते हैं। अगर आप परिवार के रिश्तों को ही सुधार लें तो खराब ग्रह भी आपको अच्छे परिणाम देने लगेंगे। पिता, पुत्र, माता और भाई-बहनों के साथ हमारा रिश्ता कैसा है? यह ग्रहों की स्थिति भी निर्धारित करता है। सूर्य पिता का कारक है, चंद्रमा माता का कारक है, मंगल भाई बहन का कारक है और इसी तरह अन्य ग्रह भी हमारे कुछ रिश्तों से संबंधित हैं।

पिता से होंगे अच्छे संबंध तो मिलेगा सूर्य देव का आशीर्वाद

ग्रहों की बात करें तो ग्रहों के प्रमुख सूर्य देव हैं। जो पिता के कारक माने जाते हैं और अगर कोई अपने पिता का सम्मान नहीं करता है। तो जाहिर है कि उसका सूर्य ग्रह प्रभावित होगा। अगर कोई अपने पिता से संबंध खराब करता है, तो वह अपने सूर्य को कमजोर कर देता है। ऐसे में कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए रोजाना सूर्यदेव को अर्घ्य दें और पिता का सम्मान करें। घऱ से निकलते वक्त पिता के पैर छूएं। तो आपको सरकार और सत्ता का फायदा होगा। इसके साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

मां से सुधारें संबंध

मां के साथ दुर्व्यवहार करने से आपका चंद्रमा कमजोर हो सकता है, चंद्रमा की दशा सुधारने और उन्हें खुश रखने के लिए मां का सम्मान कर सकते हैं। साथ ही पूर्णिमा का व्रत रखें। इसके साथ ही अगर पूर्णिमा के दिन रात में चंद्रदेव के दर्शन करते हैं तो आपका चंद्रमा मजबूत होगा और आपका मन भी।

भाई का रखें ख्याल

मंगल के कारण ससुराल वालों के साथ आपके संबंध चाचा, चाची, , चाचा और अन्य रिश्तेदारों के साथ अच्छे या बुरे होते हैं। मंगल मजबूत हो तो ये संबंध भी सुखमय बने रहते हैं। मंगल को मजबूत बनाने के लिए हनुमानजी की पूजा करें। इशके साथ ही मंगल तीसरे भाई का कारक भी है। वहीं मंगल को भाई माना जाता है। अगर आप मंगल बलवान करना चाहते हैं तो भाई से संबंधों को सुधारें और लोगों की मदद करें।

बुध से होंगे बुआ-मौसी से अच्छे रिश्ते

बुध ग्रह छोटे भाई-बहन,मामा, मामा, मौसी का प्रतिनिधित्व करता है। अगर आपके इन रिश्तेदारों के साथ संबंध खराब हैं तो जाहिर है कि आपका बुध खराब होगा। इसलिए बुध को मजबूत करने के लिए आप इन संबंधों को मजबूत बनाएं। इसके साथ ही हर बुधवार गणेश जी की पूजा करने से उनके साथ संबंध बेहतर होंगे।

गुरू और पिता का करें सम्मान

अगर आपको अपने गुरु ग्रह को मजबूत करना है तो आप पिता और गुरू का सम्मान करें। दादा-दादी और पूर्वजों का संबंध देवगुरु बृहस्पति से होता है। इसलिए दादा-दादी और बड़ों का सम्मान करें, उन्हें समय-समय पर कपड़े मिठाई भेंट करें। अगर आप गुरु का सम्मान करते हैं तो आप इसके जरिए अपने दो भावों को बैलेंस कर लेंगे। गुरू धन और भाग्य के स्वामी होते हैं।

पत्नी का करें सम्मान तो मिलेगा धन

शुक्र ग्रह रिश्ते और धन के साथ ही सुख समृद्धि के कारक होते हैं। शुक्र ही आपके जीवनसाथी और दोस्तों के साथ आपके संबंधों को बेहतर बनाता है। शुक्र को मजबूत करने के लिए हर शुक्रवार को लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें। इसके साथ ही अगर आप पत्नी और महिलाओं का सम्मान करते हैं तो इसके जरिए आप आसानी से अपने शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं। शुक्र ग्रह को दो भाव दिए गए हैं पहल दूसरा और दूसरा सातवां भाव। दूसरा भाव धन का होता है और सातवां वैवाहिक जीवन और पार्टनरशिप का।

घर के वरिष्ठ सदस्यों से बनाएं अच्छे रिश्ते

शनिदेव का संबंध घर के वरिष्ठ सदस्यों से होता है। मतलब अगर आपके घर में दादा दादी हैं तो आप को उनसे बेहतर रिश्ते बनाने चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। क्योंकि शनिदेव सीनियर सिटीजन का प्रतिनिधित्व करते हैं। शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए पिता, सास-ससुर, बेटे-बेटी और मित्रों के साथ अच्छे संबंध बना सकते हैं।

दादी और नाना के जरिए करें केतू देवता को मजबूत

केतु का संबंध नाना और दादी से और राहु का संबंध दादा और नानी से होता है। इसके साथ ही ससुराल वालों से भी केतू ग्रह का संबंध है। उनके साथ एक बेहतर संबंध आपको आकस्मिक लाभ और जीवन में प्रगति के अवसर प्रदान करता है। केतू देव मोझ के कारक हैं और बगैर पूर्वजों के आशीर्वाद के मोझ नहीं मिल सकता है। वहीं राहु ग्रह को मजबूत कर आपको कई गुना लाभ हो सकता है।

कार्यस्थल पर दोस्तों से रहें मिल-जुलकर

अगर आप चाहते हैं कि ऑफिस में सब कुछ अच्छा हो, लोग आपकी तारीफ करें तो इन तीनों ग्रहों को खुश रखें। क्योंकि शनि, राहु और केतु के जरिए आप ऑफिस में अपनी ईमेज को अच्छी बना सकते हैं। जैसे कार्यस्थल पर छोटे कर्मचारियों से सम्मान के साथ बात करें। इससे शनिदेव का आशीर्वाद आपको मिलेगा। क्योंकि शनिदेव छोटे कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।