कर्म और न्याय के देवता शनिदेव हो चुके हैं अस्त, जानिए क्या करें उपाय
कर्म और न्याय के देवता शनिदेव 11 फरवरी को अस्त हो चुके हैं, शनि की बदलती चाल कुछ राशियों के जीवन में उथल-पुथल पैदा कर सकती है। ऐसे में शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ दुर्लभ उपाय करें। शनिदेव कर्म के कारक हैं और इसके कारण कुछ जातकों के कार्यों में रूकावट आ सकती है। असल में 11 फरवरी 2024 को लगभग 30 साल बाद शनि कुंभ राशि में अस्त हो गए हैं। शनि 33 दिनों तक अस्त रहेंगे। क्योंकि शनिदेव पूरी राशि चक्र को तीस साल में पूरा करते हैं। वहीं 18 मार्च 2024 को शनि उदय होंगे। शास्त्रों के अनुसार जब शनि की चाल परिवर्तन होती है तो 12 राशियां शुभ और अशुभ दोनों तरह से प्रभावित होती हैं।
शनिदेव की अस्त अवस्था में कुछ राशियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय करें।
शनिदेव अस्त होने पर करें ये उपाय
जब शनि अस्त हो जाए , 33 दिनों तक हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक रखें। फिर 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा माना जाता है कि इससे शनि प्रसन्न रहता है और शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
हनुमान जी की शरण में जाने वाले भक्तों को शनि देव परेशान नहीं करते हैं। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से अष्ट शनि की स्थिति में रोजाना 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं , इस दौरान होने वाले कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
शनि की अस्त अवस्था में शनिवार के दिन काला कपड़ा पहनें और ओम प्रां प्रीं प्रौं स शनैश्चराय नमः मंत्र का कम से कम 5 माला जाप करें। ये शनिदेव का बीज और तांत्रिक मंत्र है। आप इसे 11 या 19 माला भी कर सकते हैं।
शनि अस्त होने पर मेष, , कन्या, वृषभ राशि वालों को नौकरी या व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको बहुत ही सावधानी से काम करना होगा, धन हानि से बचने के लिए शनिवार के दिन कंबल, जूते, चप्पल, लोहा, काले कपड़े और नारियल की भूसी का दान करें ।