कल है माघी पूर्णिमा, जानिए क्या है पूजा-पाठ और दान का विधान
कल यानी शनिवार (24 फरवरी) को माघ पूर्णिमा का पावन पर्व है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार माघ मास को बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है। इस मास में स्नान, पूजा,, दान-पुण्य कार्य का विशेष महत्व माना जाता है। इस महीने के बाद फागुन का महीना शुरू हो जाता है जो पूरी तरह से मौज मस्ती का माना जाता है।
मान्यता है कि इस महीने में देवता भी धरती पर आकर प्रयाग के संगम में स्नान करते हैं। इसलिए यहां श्राद्ध, स्नान, दान और पितरों की पूजा का महत्व अधिक बढ़ जाता है। ऐसा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। और इस दिन दान करने से बत्तीस गुना दान का फल प्राप्त होता है। इसलिए इसे माघी पूर्णिमा के अतिरिक्त बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
आइये जानते हैं इस दिन यहां क्या करें-
1. माघ पूर्णिमा के दिन, लोग ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं और पवित्र नदी में स्नान करते हैं।
2. अगर आप नदी पर नहीं जा सकते तो घर में जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
3. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
4. सूर्य को अर्घ्य देते समय उनके मंत्र ‘ॐ घृणिन्य सूर्या: आदित्य’ का जाप करें’.
5. फिर श्री हरि विष्णु की पूजा करें।
6. यदि आप षोडशोपचार पूजा नहीं कर सकते हैं तो दशपचार या पंचोपचार पूजा करें।
7. पांच प्रकार की सामग्रियों से इनकी पूजा करें, सुगंध, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाने के बाद आरती करें।
8. इस दिन तिल और काले तिल का विशेष रूप से दान करना चाहिए।
9. इसके बाद दिन के मध्य में किसी गरीब को भोजन कराएं।
10. माघ के महीने में काले तिल से हवन करें और काले तिल से पितरों को अर्घ्य दें।